मैं शून्य का ही शेष हूँ
अनंत और शून्य के बीच के शून्य को सम्भालता
कुछ शून्य शेष रह गया
मैं वो ही शून्य हूँ
मैं शून्य का ही शेष हूँ
अनंत और शून्य के बीच के शून्य को सम्भालता
कुछ शून्य शेष रह गया
मैं वो ही शून्य हूँ
अनंत व्योम गर्भ से
तमस् है जन्म ले रहा
प्रकाश अबल खड़ा वहीं
काल अस्त हो रहा
अनादि जीव देव का
है अंत वहाँ हो रहा
शब्द का विनाश भी
शब्द में ही हो रहा
सृजन विलय के बीच में
नये आयाम को सींचता
दिशाओं को भी वो
भुजाओं में समेटता
कल रात जो देखा था तुमने
वो सूना तारा हमारा था
तुझसे रौशन टिमटिम करता
उसने विश्वास हमारा था
घर के रौशन कोने में
उम्मीद की एक परछाईं थी
तुझसे मिलकर खिल खिल करती
अभी पड़ी सकुचाई सी
जो धार चली थी आँखों से
एक आंसू मेरा उसने
एक आँसू तुम्हारा था
थोड़ी थोड़ी भूली सी
वो फ़रियाद हमारी थी
नींद में थे तब सच्ची थी
अब जाग गये तो याद नहीं
I have become like you
A sovereign citizen of the other universe far far away
Forever yearning never achieving
Forever travelling never reaching
Forever parched in the evening rain
A merchant of tomorrow’s memories
A somnambulist in the desert of desires
I am not dead, I never lived .
Pebbles in the street I often walked
A tree in the home I grew up in
That awkward stolen kiss
Hidden mark-sheets
Careless talks on Philosophy, Physics
Whispering ocean by the window
Rainforests , never ending rain
A little bit of me a little bit of you
A little bit of nothing else
It all exists only at 9:41 PM
I only exist in her memories
Forever in the past
Fading slowly
I have new roommates
My space shrinks
As she makes new memories
Forgetting me a little everyday